Nani Ki Kahani
Nani Ki Kahani - Talking cave - बोलने वाली गुफा
एक
बार
मुझे
रात
के
समय
नींद
नहीं
आ
रही
थी
तभी
मेरी
Nani
ने
मुझे
कहानी
सुनायी
चलो
मैं
आज
आपको
सुनाता
हूं!
बोलने
वाली
गुफा
किसी
जंगल
में
एक
शेर
रहता
था।
एक
बार
वह
दिन-भर
भटकता
रहा,
किंतु
भोजन
के
लिए
कोई
जानवर
नहीं
मिला।
थककर
वह
एक
गुफा
के
अंदर
आकर
बैठ
गया।
उसने
सोचा
कि
रात
में
कोई
न
कोई
जानवर
इसमें
अवश्य
आएगा।
आज
उसे
ही
मारकर
मैं
अपनी
भूख
शांत
करुँगा।
उस
गुफा
का
मालिक
एक
सियार
था।
वह
रात
में
लौटकर
अपनी
गुफा
पर
आया।
उसने
गुफा
के
अंदर
जाते
हुए
शेर
के
पैरों
के
निशान
देखे।
उसने
ध्यान
से
देखा।
उसने
अनुमान
लगाया
कि
शेर
अंदर
तो
गया,
परंतु
अंदर
से
बाहर
नहीं
आया
है।
वह
समझ
गया
कि
उसकी
गुफा
में
कोई
शेर
छिपा
बैठा
है।
चतुर
सियार
ने
तुरंत
एक
उपाय
सोचा।
वह
गुफा
के
भीतर
नहीं
गया।उसने
द्वार
से
आवाज
लगाई-
‘ओ
मेरी
गुफा,
तुम
चुप
क्यों
हो?
आज
बोलती
क्यों
नहीं
हो?
जब
भी
मैं
बाहर
से
आता
हूँ,
तुम
मुझे
बुलाती
हो।
आज
तुम
बोलती
क्यों
नहीं
हो?’
गुफा
में
बैठे
हुए
शेर
ने
सोचा,
ऐसा
संभव
है
कि
गुफा
प्रतिदिन
आवाज
देकर
सियार
को
बुलाती
हो।
आज
यह
मेरे
भय
के
कारण
मौन
है।
इसलिए
आज
मैं
ही
इसे
आवाज
देकर
अंदर
बुलाता
हूँ।
ऐसा
सोचकर
शेर
ने
अंदर
से
आवाज
लगाई
और
कहा
-‘आ
जाओ
मित्र,
अंदर
आ
जाओ।’
आवाज
सुनते
ही
सियार
समझ
गया
कि
अंदर
शेर
बैठा
है।
वह
तुरंत
वहाँ
से
भाग
गया।
और
इस
तरह
सियार
ने
चालाकी
से
अपनी
जान
बचा
ली।
सीख-
बुरे
वक्त
मे
भी
सावधानी
से
कार्य
करे.!
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